जिला पदाधिकारी श्रीमती अलंकृता पाण्डेय की अध्यक्षता में मंडल कारा, काको, जहानाबाद में “बन्दी दरबार कार्यक्रम” का आयोजन किया गया।


जहानाबाद
इस अवसर पर बंदियों की समस्याओं को सुनने एवं समाधान हेतु संबंधित पदाधिकारियों की उपस्थिति में विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द प्रताप सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
जिला पदाधिकारी ने बंदियों से अपील की कि वे अपनी समस्याओं को बारी-बारी से “बन्दी दरबार” में रखें, ताकि उनका समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
प्रमुख शिकायतें एवं त्वरित कार्रवाईयां:
कैदी सुदर्शन रविदास ने बताया कि वह एक वर्ष से मंडल कारा में निरुद्ध हैं तथा हत्या के एक झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। उनके पास आर्थिक संसाधन नहीं हैं जिससे वे अपनी पैरवी करवा सकें। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकार के समक्ष विचाराधीन है एवं PLV के माध्यम से सहायता का प्रयास जारी है।
कैदी पंकज कुमार ने बताया कि वे पिछले 6 माह से निरुद्ध हैं एवं कोई परिजन नहीं हैं जो उनकी पैरवी कर सकें। जेल प्रशासन द्वारा PLV से संवाद स्थापित किया गया है।
कैदी सोनी देवी ने बताया कि उसकी बेटी की शादी आगामी 20 तारीख को है, जिसमें शामिल होने की अनुमति चाहिए। उपाधीक्षक ने कहा कि आवेदन दिया गया है, जिसे उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा एवं आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कैदी राखी कुमारी ने बताया कि वह हत्या के मामले में बंद हैं तथा उनके दो छोटे बच्चे हैं, जिन्हें वे अपने साथ रखना चाहती हैं। जिला पदाधिकारी ने उन्हें आवेदन देने को कहा तथा आश्वस्त किया कि नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
कैदी गुड्डू कुमार घोसी ने स्वयं को झूठे हत्या के आरोप में बंद बताया और शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की। जिला पदाधिकारी ने अधिवक्ता से विषय को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।
सुविधाओं संबंधी शिकायतें एवं आदेश:
कुछ बंदियों ने टेलीफोन बूथ के कार्यरत नहीं होने की शिकायत की, जिस पर जिला पदाधिकारी ने शीघ्र व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश जेल उपाधीक्षक को दिया।
कारा में जलापूर्ति की समस्या (समरसेबल व चापाकल खराब) की शिकायत पर कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को सभी चापाकलों की मरम्मत शीघ्र कराने का निर्देश दिया गया।
मच्छरों की समस्या पर नगर पंचायत, काको के कार्यपालक पदाधिकारी को नियमित फॉगिंग कराने का निर्देश दिया गया।
जिला पदाधिकारी ने बंदियों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायिक मामलों में उनका हस्तक्षेप संभव नहीं है, परंतु ऐसे मामले जिनमें सरकारी अधिवक्ता की आवश्यकता है या जो लम्बे समय से लंबित हैं, उन्हें यथासंभव प्राथमिकता देते हुए पिटीशन के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा।
खाद्य एवं स्वच्छता से संबंधित पूछताछ में बंदियों ने संतोष व्यक्त किया और बताया कि नियमित रूप से मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध हो रहा है। हालाँकि, गवाही के दौरान परिजनों द्वारा भोजन देने पर न्यायालय द्वारा रोक के कारण वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता है, जिस पर विचार करते हुए उचित समाधान हेतु आश्वासन दिया गया।
पुलिस अधीक्षक श्री अरविन्द प्रताप सिंह ने कहा कि “बन्दी दरबार कार्यक्रम” में बंदियों से मिलकर अच्छा अनुभव रहा। उन्होंने समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उचित जांच एवं कार्रवाई का भरोसा दिलाया।